रिपोर्टर :बाबूराम केनावत
जयपुर@डीपी न्यूज मीडिया।जिला एवम सेशन न्यायालय ने बीमा पॉलिसी में मृतक की पत्नी को Beneficiary नॉमिनी मानते हुए फैसला सुनाया। जिसमे जिला एवम सेशन न्यायालय जयपुर में प्रार्थिया श्रीमती हेमलता शर्मा ने स्वयं को प्रथम श्रेणी की उतराधिकार मानते हुए अपने पुत्र द्वारा करवाई गई बीमा पॉलिसियों की परिपक्वता राशि, FDR एवम बचत खाते में जमा कुल राशि 1,07,77,238/- रूपये के 1/3 हिस्से का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करवाने हेतु सिविल दावा दायर किया गया। जिसमे मृतक की पत्नी श्रीमती वंदना त्रिपाठी व पुत्र चर्चित दाधीच की और से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुरेश कुमावत ने बताया की आनंद दाधीच द्वारा अपने जीवनकाल में ली गई सभी बीमा पॉलिसियों में मृतक आनंद दाधीच ने अपनी पत्नी श्रीमती वंदना त्रिपाठी व पुत्र चर्चित को पृथक पृथक पॉलिसियों में 100 प्रतिशत नॉमिनी के रूप में नामित किया गया था, मृतक आनंद दाधीच की मृत्यु के पश्चात मृतक की माता द्वारा न्यायालय के समक्ष उक्त बीमा पॉलिसियो की क्लेम राशि में से 1/3 हिस्सा प्राप्त करने हेतु सिविल दावा अंतर्गत धारा 372 भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 प्रस्तुत किया गया जबकि मृतक आनंद दाधीच द्वारा अपने जीवनकाल में करवायी गयी सभी बीमा पॉलिसियों में अपनी पत्नी व पुत्र को 100% नॉमिनी बनाया गया था। मृतक की पत्नी व पुत्र की तरफ से एडवोकेट सुरेश कुमावत ने पैरवी करते हुए बीमा अधिनियम 1938 की धारा 39 इंश्योरेंस लॉ संशोधन अधिनियम 2015 के जरिए धारा 39(7) में Beneficiary नॉमिनी के हक में बीमा राशि पूर्ण तौर पर Beneficiary नॉमिनी अर्थात पत्नी को दी गई है, बीमा अधिनियम के सशोधित कानूनी प्रावधानों के तहत पति द्वारा करवाई गई समस्त बीमा पॉलिसियों में मृतक की माता का उतराधिकार अधिनियम के अंर्तगत कोई हक प्राप्त नही होता है जिसके संबंध में एडवोकेट सुरेश कुमावत ने माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायिक दृष्टांत श्रीमती श्वेता हुरिया व अन्य बनाम श्रीमती संतोष हुरिया व अन्य, 2021 ए.आई.आर. दिल्ली 121 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा धारा 39(7) के तहत Beneficiary नॉमिनी को बीमा को प्राप्त करने का पूर्ण हकदार माना है। इसके अतिरिक्त एडवोकेट सुरेश कुमावत द्वारा बेहतर दलीले पेश करते न्यायालय को लॉ कमीशन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट एवम बीमा संशोधन 2015 के उद्देश्य का विवरण करते हुए Beneficiary को नॉमिनी बीमा की पूर्ण राशि दिलवाए जाने के संबंध में माननीय लॉ कमीशन की रिपोर्ट से अवगत कराया कराया। इस प्रकार अधिवक्ता सुरेश कुमावत द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टांत एवम् कानूनी प्रावधानों को मध्दयनज़र रखते हुये माननीय न्यायालय ने उतराधिकार दावे में वर्णित समस्त बीमा पॉलिसियों की क्लेम राशियों में केवल मात्र मृतक की पत्नी व पुत्र के पक्ष में कुल 1,06,79,320/- रूपये की राशि का उतराधिकार प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश प्रदान किए।
