लादूराम जी मंदिर धाम में मन्नत को आते है दूर दूर से श्रद्धालु
मोतीसरा .ग्राम पंचायत मोतीसरा के आदर्श तालाब के किनारे स्थित श्री श्री 1008 लादूराम महाराज की जीवंत समाधि है जो दिव्य परचे से अपने भक्तों की मन्नत पूरी करते है। यहां पर गुजरात राजस्थान सहित आस पास से अपनी मन्नत मांगने आते है। इस मंदिर को 80 साल से अधिक समय हो चुका है।
इनके भक्त छगनलाल सैन जो रिश्ते में भतीजे है बताते है कि बा(लादूराम जी) बचपन से ही भक्ति में रहे और आमजन ग्रामीणों की हमेशा सेवा की। इनका पहला पर्चा गांव में ही दिया जलती आग में कढ़ाई में रखे पानी को गर्म तक नहीं होना दिया वही दूसरा पर्चा रावले में दिया । खासी नेवल आदि का हाथ फेरने से ठीक हो जाता था।
झाल की पत्तियां खाए रोग दूर भगाएं:-
यहां झाल के नीचे बने मंदिर में इसी झाल की पत्तियां और झाल की छोटों टहनी से माला बनाकर पहने से रोग ठीक हो जाते है। वहीं बवासीर मस्सा के इलाज के लिए भी मन्नत मांगने से ठीक हो जाता है।
लगता है मेला:
होली के बाद इनका भव्य मेला लगता है जिसमें गाने गैर लूर आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है और पूजा पाठ होती है।
जीवंत समाधि :
लादूराम जी ने जब जीवंत समाधि ली तब अंदर से एक भी किसी प्रकार की जड़ ना निकलना ही बड़ा परचा माना जाता है।
गांव से रूठ कर धोरों में रहने लगे:
एक बार रावले में बर्तन और सब्जी ना बनाने की जिद पर इनको गांव से बाहर कर दिया जिससे यह रूठ पर मोतीसरा से कुछ दूर धोरों (खेत) में जाकर रहने लगे। वहां पानी को खुले रेत में खड्डे में गिरकर कई दिनों तक रखते थे जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
आज भी श्रद्धालु राजस्थान सहित गुजरात से यह दर्शन को आते है और अपनी मन्नत मांगते है।


