जाबनेर : राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत द्वारा शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया पैदल मार्च आज तीसरे दिन भी जारी रहा। मीडिया प्रभारी विनोद पूनिया कशिश ने बताया कि जोधपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा संभाग में हो रहा यह पैदल मार्च नावा से शुरू होकर आज भाटीपुरा पहुंचा।
इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग, संभाग संयोजक अर्जुन लोमरोड़, प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत खराड़ी, राज्य महिला उपसमिति संयोजक सुनीता सिहाग, प्रदेश कोषाध्यक्ष राधेश्याम यादव, प्रदेश सदस्य चेतन राजपुरोहित, पूर्व कोषाध्यक्ष भूपसिंह कूकणा, विजय डूकिया (जिलाध्यक्ष, डीडवाना), शकिल मौहम्मद (मंत्री, डीडवाना), जयपाल बुरड़क (जिलाध्यक्ष, चित्तौड़गढ़), मणीलाल मालीवाड़ (जिलाध्यक्ष, डूंगरपुर), धनराज खराड़ी (मंत्री, डूंगरपुर), तथा विनोद पूनिया कशिश व दिलीप बिरड़ा (जिलामंत्री, बाड़मेर-बालोतरा) ने मार्च का नेतृत्व किया।
संभाग संयोजक अर्जुन लोमरोड़ ने इस अवसर पर शिक्षकों के पारदर्शी तबादलों को हर शिक्षक का स्वाभाविक अधिकार बताया और तबादले खोलने की मांग को जायज ठहराया। उन्होंने पैदल मार्च को सरकार की मनमानी पर करारा प्रहार बताया।
प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने अपने ओजस्वी संबोधन में नई शिक्षा नीति को निजीकरण का मसौदा करार दिया। उन्होंने कक्षा 6 के बाद विद्यार्थियों की इंटर्नशिप और प्लेसमेंट संस्था द्वारा कराए जाने तथा सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय में पद भरने की बजाय इसे सार्वजनिक शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की साजिश बताया। सिहाग ने जोर देकर कहा कि शिक्षा नीति सार्वजनिक शिक्षा को तहस-नहस कर, पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के नौकरी के सपनों को चकनाचूर कर उन्हें शोषण के दलदल में धकेल रही है। उन्होंने शिक्षा नीति 2020 को तत्काल रद्द करने की मांग की।
