प्रवीण सिसोदिया (रिपोर्टर)
मोकलसर@डीपी न्यूज मीडिया.विद्या भारती विद्यालय भगवान पार्श्वनाथ आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक मोकलसर के भैया-बहिनो व आचार्यों द्वारा भारतीय नव वर्ष मनाया गया।
विद्यालय के भैया -बहिनों व आचार्यों द्वारा गांव के जैन मंदिर, पीपली चौक, सी रोड, लक्ष्मी मंदिर, रामदेव मंदिर व राठोङो का वेरा आदि स्थानों पर रंगोली बनाई गई व गांव के ग्रामीणों को मांगलिक तिलक व गुङ धनिया खिलाकर नव वर्ष की बधाई दी गई।
प्रधानाचार्य नरेन्द्र व्यास ने बताया कि विक्रम संवत का आरम्भ 57 ई.पू. उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के नाम पर हुआ। भारतीय इतिहास में विक्रमादित्य को न्याय प्रिय और लोकप्रिय राजा माना जाता है । सनातन धर्म के समस्त कार्य जैसे शुभ कार्य, विवाह ,नामकरण , गृह प्रवेश आदि कार्य तिथि के अनुसार होते है । विडंबना यह है कि हमारे समाज में जितनी धूमधाम से विदेशी नव वर्ष 1 जनवरी का उत्सव नगरों – महानगरों में मनाया जाता है उतनी ही धूमधाम से यह विक्रम संवत् के प्रारंभ का पर्व भी नहीं मनाया जाता है। बहुत से लोग तो इस पर्व के महत्व से भी अनभिज्ञ है। आश्चर्य का विषय है कि हम पराई परंपराओं के अंधानुकरण में तो रुचि लेते हैं लेकिन अपनी विरासत से अनजान हैं।चैत्र शुक्ला प्रतिपदा का दिन सृष्टि के प्रारंभ का दिन है। हमारी भारतीय कालगणना वैज्ञानिक कालगणना है।
इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य चेनाराम माली, शम्भूदान चारण, सूर्य प्रताप सिंह बालावत, नरपत कुमार माली,कुलदीप दवे, चैनाराम बामणिया, दुर्गा कुमारी व शिल्पा कंवर ने घर-घर जाकर हिन्दू नव वर्ष की शुभकामनाएं दी।

