बाल विवाह रोकने के लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना आवश्यक – राजेश कुमार
बालोतरा@डीपी न्यूज मीडिया। बालोतरा उपखण्ड कार्यालय के सभागार में मंगलवार को जिले में बाल विवाह आयोजनों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु उपखण्ड अधिकारी राजेश कुमार की अध्यक्षता बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी राजेश कुमार ने बाल विवाह को रोकने संबंधी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की तथा बाल विवाह रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होने जिले में अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा एवं अन्य सावों पर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के आयोजन के रोकथाम हेतु प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। साथ ही बाल विवाह के आयोजन किए जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 6 के तहत जवाबदेही नियत किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह अपराध है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु आशा कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग व पंचायती राज विभाग अपने स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ हीं सभी मेरिज गार्डन संचालक, शादी में फोटो/विडियोग्राफर, हलवाई, पंडित व टेंट संचालक को निर्देशित किया गया कि वे किसी भी ऐसे विवाह में भाग/ ऑर्डर नहीं लेगें जिसमें बाल विवाह संभावित हो तथा ऐसा पाया जाने पर मेरिज गार्डन संचालक, शादी में फोटो/विडियोग्राफर, पंडित व टेंट संचालक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। विवाह हेतु छपने वाले निमंत्रण पत्र में आयु का प्रमाण प्रिन्टिंग प्रेस वालो के पास रहने एवं निमंत्रण पत्र पर वर वधु की जन्म तिथि अंकित करने के निर्देश दिए।
उपखण्ड अधिकारी ने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को ऐसे बच्चो की सूची तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया, जो विद्यालय छोड चुके है तथा नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित नहीं होते है। साथ ही सूची को महिला एवं बाल विकास के साथ साझा करते हुए ऑनलाईन अपलोड करे। पुलिस विभाग सूचना तंत्र के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में अबुझ सावों पर होने वाले संभावित बाल विवाह की रोकथाम की कार्यवाही करें। पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी भी ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह के बारे में सतर्क रहकर तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित करें। बाल विवाह रोकने के लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना आवश्यक है। इस संदर्भ में बाल विवाह की रोकथाम हेतु जन सहभागिता व चेतना जागृत करने हेतु कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाना आवश्यक है।
उन्होने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम हेतु 181 कॉल सेन्टर पर तथा पुलिस नियंत्रण कक्ष के 100 नम्बर पर कॉल कर कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती हैं। विद्यालयों में बाल-विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दिये जाने हेतु सभी स्कूलों को निर्देशित करने को कहा।
