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बालोतरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), बालोतरा के सचिव सिद्धार्थ दीप ने शुक्रवार को उप-कारागृह का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान बंदियों को उनके कानूनी अधिकार एवं कानूनी सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई, जिससे कोई भी बंदी विधिक सहायता से वंचित न रहे। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि बंदियों के साथ कानून के अनुसार व्यवहार किया जा रहा है।
जेल निरीक्षण के दौरान प्राधिकरण के सचिव द्वारा बंदियों से पृथक-पृथक संवाद किया तथा उनके प्रकरणों की नियमित पैरवी के लिए, निःशुल्क अधिवक्ता स्कीम, स्वास्थ्य समस्याएं व बंदियों के कारागृह में निरूद्ध रहने के दौरान अग्रिम अध्ययन संबंधी कई विषयों पर बातचीत की। साथ ही बंदियों को स्वच्छ, पौष्टिक एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश कारागृह प्रशासन को दिए। उन्होंने यह भी कहा कि भोजन की गुणवता का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही जिन बंदियों के प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा जमानत आदेश होने के बावजूद बंदीगण आदेशों की पालना में अमसर्थ है उनके प्रकरणों में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायालयों से संशोधित आदेश हेतु आवेदन पेश करने हेतु विधिक सेवा प्रतिरक्षा अधिवक्ता स्कीम के तहत आवेदन पेश करने हेतु तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान उन्होने साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया गया। जेल में कुल 103 बंदी निरूद्ध पाये गये जो कारागृह की क्षमता 55 से अधिक है। 4 बंदियों को विधिक सहायता मौके पर ही उपलब्ध करवाई।
सचिव द्वारा उपकारापाल मनोहर सिंह को निर्देश दिये कि भीषण गर्मी को देखते हुए उपकारागृह में निरुद्ध बंदीगण की संख्या अधिक होने से बंदीगण को अन्य कारागृहों में स्थानान्तरित करवाकर संख्या कम की जावें। अधिक संख्या व भीषण गर्मी को देखते हुए मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान लीगल एड डिफेंस काउंसिल से थानसिंह राजपुरोहित व सहायक नीरज चौधरी उपस्थित रहे।

